राह का
नहीं है अंत
चलते रहेंगे हम!
दूर तक फैला
अँधेरा
नहीं होगा जरा भी कम!
टिमटिमाते दीप-से
अहर्निश
जलते रहेंगे हम!
साँसें मिली हैं
मात्र गिनती की
अचानक एक दिन
धड़कन हृदय की जायगी थम!
समझते-बूझते सब
मृत्यु को छलते रहेंगे हम!
हर चरण पर
मंजिलें होती कहाँ हैं?
जिंदगी में
कंकड़ों के ढेर हैं
मोती कहाँ हैं?